MP School Ranking 2022: कक्षा 9वीं से 12वीं के सरकारी स्कूलों की रैंकिंग जारी, दमोह टॉप पर, खरगोन रहा सबसे फिसड्डी
MP School Ranking 2022, Madhya Pradesh News: 52 जिलों में से एक भी जिले को नहीं मिला ए प्लस ग्रेड. औसत प्रदर्शन के साथ ...अधिक पढ़ें
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भोपाल. MP School Ranking 2022: मध्यप्रदेश में कक्षा 9वीं से लेकर कक्षा 12वीं के सरकारी स्कूलों की रैकिंग जारी की गई है. लोक शिक्षण संचालनालय ने रैंकिंग जारी की है. रैकिंग में सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन कमजोर रहा. रैंकिंग में दमोह जिला 83.2 अंक लेकर टॉप पर रहा. इंदौर 8 तो भोपाल 19वें पायदान पर रहा. भोपाल को 75.1 प्रतिशत के साथ A ग्रेड मिला है. 52 में से एक भी जिला A प्लस ग्रेड हासिल नहीं कर सका है. रैंकिंग में खरगोन जिले का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. खरगोन जिले को C मिला है.
एक भी स्कूल को नहीं मिला ए प्लस ग्रेड
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों को जारी ग्रेडिंग में प्रदेश के एक भी सरकारी स्कूल को ए प्लस ग्रेड नहीं मिला है. ए प्लस यानी उत्कृष्ट मार्किंग में 90 से 100 के बीच के मार्क्स तक प्रदेश का कोई भी विद्यालय नहीं पहुंच सका है. सबसे ज्यादा 83.2% अंक दमोह को मिले हैं. मध्यप्रदेश में कोई भी स्कूल उत्कृष्ट की श्रेणी हासिल नही कर सका है. D रैंकिंग भी किसी भी स्कूल को नही मिली है. ए ग्रेडिंग यानि उत्कृष्ट A (90-100), अच्छा A(75-89.99), संतोषजनक B(60-74.99),औसत C(50-59.99), खराब D(0-49.99) पांच कैटेगरी शामिल थी. जिसमें से एक भी स्कूल को ना तो ए प्लस (A+)ग्रेडिंग मिली है, और ना ही एक भी स्कूल को डी(D) ग्रेडिंग मिली है.
08 बिंदुओं पर जारी हुई जिलों की ग्रेडिंग
लोक शिक्षण संचालनालय ने पहली बार स्कूलों की रैंकिंग जारी की है. 8 बिंदुओं के आधार पर नौवीं से बारहवीं तक के स्कूलों की रैंकिंग जारी की गई है. 8 बिंदुओं में स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता, प्रशिक्षण, आवश्यक अधोसंरचना, शासकीय योजनाओं की हितग्राहियों तक समय पर पहुंच जैसे कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे हैं. इसी क्रम में जिलों में संचालित गतिविधियों योजना और विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा के आधार पर जिलों की ग्रेडिंग निर्धारित की गई है. जिला स्तरीय ग्रेडिंग में मुख्य रूप से वार्षिक परीक्षा परिणाम,सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण, व्यवसायिक शिक्षा हेतु नामांकन निष्ठा प्रशिक्षण, इंस्पायर अवार्ड,विद्यालयों में टेबलेट की उपलब्धता, ब्रिज कोर्स, नामांकन मानकों में जिलों के प्रदर्शन के आधार पर समीक्षा की गई है.
सीएम के निर्देश के बाद शुरू हुई रैंकिंग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सरकारी स्कूलों की रैंकिंग प्रणाली विकसित करने और सीएम डैशबोर्ड में प्रदर्शित करने के निर्देश के बाद ही राज्य शिक्षा केंद्र ने प्राविधिक रैंकिंग जारी की है. जिलों की रैंकिंग में स्कूल, विद्यार्थी, शिक्षक और प्रबंधन कार्यक्रम केंद्र रहे हैं. सभी जिला कलेक्टर से सुधारात्मक सुझाव और आपत्तियां प्राप्त किए जाते हैं. जिलों से मिले सुझावों और आपत्तियों के आधार पर जरूरी संशोधनों के बाद अंतिम रूप से जिलों की रैंकिंग जारी कर सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी. .
इन स्कूलों को मिला ए, बी और सी ग्रेड
दमोह, सिंगरौली, नरसिंहपुर, सागर, छिंदवाड़ा, पन्ना, मंदसौर, इंदौर, देवास, नीमच, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, सिवनी, बैतूल, छतरपुर, ग्वालियर, शाजापुर, भोपाल को ए ग्रेड मिला है. ए ग्रेड अच्छे प्रदर्शन के लिए दिया गया है. बी ग्रेड में टीकमगढ़, बालाघाट, राजगढ़, सतना, शहडोल, विदिशा, अनूपपुर, उमरिया, आगर मालवा, जबलपुर, गुना, रतलाम, अलीराजपुर, कटनी, डिंडोरी, उज्जैन, खंडवा, सीधी, हरदा, अशोकनगर, दतिया, धार, मंडला, शिवपुरी, मुरैना, भिंड, श्योपुर, निवाड़ी, बड़वानी और झाबुआ जिलो को मिला है. संतोषजनक काम के लिए बी(B) ग्रेड दिया गया है. C ग्रेड यानी औसत में खरगोन जिला है.
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